लेखनी प्रतियोगिता -21-Dec-2022
👶👶अभिलाषा मेरी👶👶
👶👶👶👶👶👶👶👶👶👶
मैं उन्मुक्त हूं, मैं चंचल हूं, मैं नादान हूं।
बोलना सीख रहा हूं, चलना सीख रहा हूं।
मेरी अभिलाषा है कि खेल खेल में बड़ा होऊ।
कोई प्रतिबंध नहीं लगे खाने में।
अभिलाषा मेरी की चॉकलेट दुकान में बिना पैसे मिले,
बच्चों से पैसे मांगने वालों पर दंड का प्रावधान हो।
जंगल में पेडों पर बिस्किट, लालीपोप के फल लगे,
कुओं और नदियां शरबत से सरोबार हों।
केवल संडे संडे स्कूल में पढ़ाई हो।
होम वर्क देने वाले टीचर स्वयं बच्चे कि कॉपी में करे।
बच्चो को सजा देने वाले को सजा का प्रावधान हो।
मैं उन्मुक्त हूं, मैं चंचल हूं, मैं नादान हूं।
बोलना सीख रहा हूं, चलना सीख रहा हूं।
मैं बचपन कि अभिलाषा बताता हूं।
क्यों क्रेच ने मेरा बचपना खो दिया।
क्यों कंधो पर स्वयं के वजन से ज्यादा वजन लाद दिया।
क्यों मम्मी जल्दी उठ मेरे लिए टिफिन बनाती हैं।
क्यों पापा को बुखार में भी स्कूल छोड़ने की मजबूरी हैं।
टीवी इंटरनेट मोबाईल ने मेरे गली के खेल छीन लिए।
मुझे समय से पहले परिपक्व बना दिया।
मैं उन्मुक्त हूं, मैं चंचल हूं, मैं नादान हूं।
बोलना सीख रहा हूं, चलना सीख रहा हूं।
मेरी अभिलाषा है कि मेरा बचपन लोटा दे।।
✍️ विजय पोखरणा "यस"
अजमेर
Haaya meer
27-Dec-2022 07:50 PM
Best'
Reply
Santosh Pokharna
21-Dec-2022 09:34 PM
Excellent 👍
Reply
Gunjan Kamal
21-Dec-2022 03:30 PM
शानदार
Reply